टाइप-1 डायबिटीज रोगियों को मिला पतंजलि वेलनेस में नवजीवन
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स्वामी समग्रदेव
पतंजलि वैलनेस, पतंजलि योगपीठ-२
टाइप 1 डायबिटीज क्या है?
टाइप 1 मधुमेह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो हमारे अग्न्याशय (Pancreas) को इंसुलिन बनाने से रोकती है। यह स्थिति छोटे बच्चों और कम उम्र के लोगों में एक बहुत ही आम समस्या है। इसे जुवेनाइल डायबिटीज (Juvenile Diabetes) भी कहते हैं। टाइप 1 डायबिटीज में आपकी इम्यून सेल्स आपके पैंनक्रियाज़ यानि अग्नाशय में बीटा सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं। बीटा सेल्स इंसुलिन हार्मोन्स का निर्माण करती हैं। इसका मतलब है कि इन सेल्स को नुकसान पहुंचने पर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता। जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम मात्रा में होता है तो शरीर रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ से शक्ति प्राप्त नहीं कर पाता। जिससे, रक्त और यूरीन में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है।
इंसुलिन क्या है?
इंसुलिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो हमारे रक्त में ग्लूकोज (शर्करा) की मात्रा को नियंत्रित करता है। सामान्य परिस्थितियों में, इंसुलिन निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है-
हमारा शरीर हमारे द्वारा खाए गए भोजन को ग्लूकोज में तोड़ देता है, जो हमारे शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। ग्लूकोज हमारे रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है, जो हमारे अग्नाशय (Pancreas) को इंसुलिन जारी करने का संकेत देता है। इंसुलिन हमारे रक्त में ग्लूकोज को हमारी मांसपेशियों, वसा और यकृत कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है ताकि वे इसे ऊर्जा के लिए उपयोग कर सकें या बाद में उपयोग के लिए इसे संगृहीत कर सकें। जब ग्लूकोज हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करता है और हमारे रक्तप्रवाह में इसका स्तर कम हो जाता है, तो यह हमारे अग्नाशय को इंसुलिन का उत्पादन बंद करने का संकेत देता है। यदि हमारे पास पर्याप्त इंसुलिन नहीं है, तो हमारे रक्त में बहुत अधिक शर्करा जमा हो जाती है, जिससे हाइपरग्लेसेमिया (उच्च रक्त शर्करा) हो जाता है, और हमारा शरीर ऊर्जा के लिए आपके द्वारा खाए गए भोजन का उपयोग नहीं कर पाता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं या मृत्यु भी हो सकती है। टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने और स्वस्थ रहने के लिए हर दिन सिंथेटिक इंसुलिन की आवश्यकता होती है।
इंसुलिन एक महत्वपूर्ण चयापचय हार्मोन (Metabolic Hormone) है जो कि अग्न्याशय से निकलता है। एक स्वस्थ व्यक्ति में, इंसुलिन हार्मोन को शरीर में कोशिकाओं द्वारा अवशोषित किया जाता है ताकि ग्लूकोज अणुओं (Glucose Molecules) को ऊर्जा बनाने के लिए तोड़ दिया जा सके। यह इस क्रिया का सामान्य तरीका है।
टाइप 1 मधुमेह कैसे होता है?
टाइप 1 मधुमेह जिसे इंसुलिन पर निर्भर मधुमेह (Insulin Dependent Diabetes) के रूप में भी जाना जाता है, यह तब होता है जब अग्न्याशय शरीर में मुक्त ग्लूकोज अणुओं (Free Glucose Molecules) को ऊर्जा में चयापचय (Digest) करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है।
यह एक प्रकार की ऐसी स्थिति है जिसे अक्सर रोका नहीं जा सकता है। यह स्थिति मुख्य रूप से आनुवंशिक प्रवृत्ति (Hereditary) और कुछ मामलों में वायरस के कारण होती है, किन्तु यह अत्यंत दुर्लभ है।
टाइप-1 डायबिटीज के क्या कारण होते हैं?
टाइप-1 मधुमेह रक्त प्रवाह में इंसुलिन की अपर्याप्त उपलब्धता के कारण होता है। यह एक पुरानी बीमारी है जिसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorder) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ऐसी स्थितियों में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) अग्न्याशय में स्वस्थ इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं को विदेशी आक्रमणकारी समझ उन पर उसको बर्बाद कर देता है। और क्षतिग्रस्त बीटा कोशिकाओं के साथ, शरीर में ग्लूकोज को चयापचय (Metabolize) करने के लिए शरीर पर्याप्त इंसुलिन (या बिल्कुल भी) का उत्पादन नहीं कर सकता है।
शोधकर्ताओं के लिए यह आज भी चर्चा का विषय है कि क्यों हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली टाइप -1 मधुमेह और अन्य ऑटोइम्यून विकारों में खुद के अंगों को आक्रमणकारी समझ कर हमला कर उसको बर्बाद कर देता है।
कुछ निर्णायक अध्ययनों से पता चलता है कि आनुवंशिक विसंगतियाँ (Genetic Anomalies), मधुमेह का पारिवारिक इतिहास (Family History), पुराना तनाव (Chronic Stress),, कुछ वायरल एक्सपोजऱ (Viral Exposures) या कुछ पर्यावरणीय कारक (Environmental Factor) इसके पीछे एक सम्भावित कारण हो सकते हैं।
एलोपैथिक दवाई के कारण मधुमेह का खतरा
जिन बच्चों को बुखार आदि रोगों की एलोपैथिक दवाई पैरासीटामोल आदि दी जाती है उनके टाइप-1 डायबिटीज से ग्रस्त होने का खतरा अत्यधिक बढ जाता है। इसका कारण यह है कि एलोपैथी की दवाई सीधे हमारे पैंक्रियाज पर प्रभाव डालती हैं जिससे कि बीटा सेल्स निष्क्रिय पड़ जाते हैं और इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाते हैं। परिणामस्वरूप बच्चों को टाइप 1 डायबिटीज हो जाती है। यहां तक कि जो गर्भवती महिलाएं एलोपैथिक दवाईयां सेवन करती हैं उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी टाइप 1 मधुमेह हो जाता है।
टाइप 1 मधुमेह का एलोपैथी में उपचार
टाइप 1 मधुमेह का एलोपैथी में कोई इलाज नहीं है। जिन रोगियों में टाइप 1 मधुमेह पाया जाता है, वो इंसुलिन इंजेक्शन के साथ अपने लक्षणों का प्रबंधन करते हैं और उनके निदान के बाद उन्हे इन्सुलिन इंजेक्शन लगाना पड़ता है।
जिस किसी को भी टाइप 1 मधुमेह है उसे एलोपैथी के अनुसार जीवन भर इंसुलिन थेरेपी की आवश्यकता होती है। आपको संभवत: कई दैनिक इंजेक्शनों की आवश्यकता होगी जिसमें लंबे समय तक काम करने वाले इंसुलिन और तेजी से काम करने वाले इंसुलिन का संयोजन शामिल है।
चूंकि टाइप -1 मधुमेह में रोगी के अपने अग्न्याशय का बीटा कोशिकाओं (Beta Cells) से इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है, इसलिए रोगियों को हर दिन अपने शरीर में इंसुलिन की एक निर्धारित खुराक लेने की आवश्यकता होती है। खुराक रोग की सीमा और रोगी के समग्र शारीरिक कार्यों पर निर्भर करता है।
इंसुलिन इंजेक्शन लेने वाले रोगियों को आमतौर पर शरीर के कोमल ऊतकों में, विशेष रूप से पेट या नितम्ब के आसपास, दिन में एक बार इंजेक्शन की लेने की सलाह दी जाती है । अन्य मामलों में, टाइप -1 मधुमेह वाले कुछ लोग एक इंसुलिन पंप पसंद करते हैं जो पूरे दिन शरीर में इंसुलिन की एक क्रमिक खुराक (Gradual Dose) का प्रबंध करता है।
चूंकि रक्त शर्करा का स्तर बाहरी रूप से प्रशासित इंसुलिन (Administered Insulin) पर निर्भर करता है, इसलिए टाइप-1 मधुमेह के रोगियों को अपने रक्त शर्करा के स्तर की लगातार निगरानी करनी पड़ती है ताकि यह सुनिश्चित् हो सके कि वे सही स्तर पर हैं।
जटिलताएं
मधुमेह सामान्य से लगातार उच्च रक्त शर्करा (High Blood Pressure) के स्तर की ओर ले जाता है। इसके अलावा, उचित प्रबंधन के बिना, ये स्थितियां संबद्ध जटिलताओं को जन्म देती हैं, जिनमें गुर्दे की विफलता (Kidney Failure) , पुरानी थकान (Chronic Fatigue), खराब दृष्टि (Poor Eyesight) आदि सम्मिलित हैं।
लक्षण
रोग का परिणाम है रक्त में अतिरिक्त ग्लूकोज। इसलिए यदि आप निम्न में से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर को देखने पर विचार करें-
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जल्दी पेशाब आना
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अक्सर प्यास लगती है
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भूख में वृद्धि
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लगातार थकान
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धुंधली दृष्टि
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घाव भरने में देरी
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हाथ-पांव में सुन्नपन और झुनझुनी सनसनी