पतंजलि विश्वविद्यालय व पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के त्रिदिवसीय ‘‘अभ्युदय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम" का समापन
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विद्यार्थियों को गुरु आज्ञा में प्रवृत्त रहते हुए सकारात्मक दिशा में आरूढ़ रहना चाहिए : स्वामी रामदेव
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‘अभ्युदय का अर्थ विद्या, शिक्षा, आज्ञापालन आदि प्रत्येक रूपों में सामर्थ्यशाली बनना है : आचार्य जी
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शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने कौशल को विकसित करो : स्वामी रामदेव
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स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने योग, आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्रदान की : बी.एल. वर्मा
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हमारे भाई ही नहीं बहनें भी देश के लिए पदक ला रही हैं : केन्द्रीय राज्य सहकारिता मंत्री
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भगवान शिव भारतीय संस्कृति के संश्लेषण के प्राणतत्व हैं : एन.पी. सिंह
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पतंजलि विश्वविद्यालय निरंतर उन्नति की ओर गतिमान है : धनसिंह रावत
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जब शिष्य उन्नति करता है तो सबसे ज्यादा प्रसन्नता गुरु को ही होती है : स्वामी रघुवाणी जी
08-१० मार्च २०२४- पतंजलि विश्वविद्यालय व पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम ‘अभ्युदय वार्षिकोत्सव’के रूप में सम्पन्न हुआ। यज्ञ अनुष्ठान के उपरान्त कार्यक्रम की शुरूआत विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज व कुलपति पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज का आशीर्वाद उद्बोधन प्राप्त हुआ। पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को गुरु आज्ञा में प्रवृत्त रहते हुए सकारात्मक दिशा में आरूढ़ रहना चाहिए, यही उन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
स्वामी जी ने विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने कौशल को विकसित करो। हम पतंजलि विश्वविद्यालय में सभी विद्यार्थियों को योग, पंचकर्म व षट्कर्म का प्रशिक्षण देंगे, इनमें बहुत स्कोप है। सभी विद्यार्थी विविध भाषाओं में पारंगत हो जाओ, लैंग्वेज का स्किल भी विकसित करो। वर्तमान समय में खेलों को भी करियर का श्रेष्ठ माध्यम बनाया जा सकता है। इन सबके साथ-साथ मैं आपको हमेशा सकारात्मकता व दैवत्व में देखना चाहता हूँ, आपको देखकर दुनिया को लगना चाहिए कि जिंदगी हो तो पतंजलि के विद्यार्थियों जैसी हो। आप रोल मॉडल बनें।
इस अवसर पर विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने समस्त देशवासियों को महाशिवरात्रि तथा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि आज का दिन शिव और शक्ति का दिन है। यहाँ उपस्थित सभी शिव और शक्ति के अंश हैं किंतु हमें स्वयं शिव और शक्ति बनना होगा। उनकी कृपा, शक्ति व प्रेरणा से हम गतिमान हैं। हमें उस शक्ति, सामथ्र्य व ऊर्जा को बढ़ाना होगा क्योंकि अभ्युदय का अर्थ भी यही है कि आप विद्या, शिक्षा, आज्ञापालन आदि प्रत्येक रूपों में सामर्थ्यशाली बनें। आचार्य जी ने शिक्षा के साथ-साथ क्रीड़ा क्षेत्र में सामर्थ्यशाली बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 25 से 30 वर्ष की आयु सीखने की आयु है, इस आयु में आप अपनी प्रवृत्ति जैसी बनायेंगे, जिन कार्यों की ओर आप प्रवृत्त होंगे, वो जीवनभर आपके सहचर बनकर आपके साथ में रहेंगे। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के कार्यक्रमों की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, तभी देश-विदेश के विद्वतजन इसकी प्रशंसा करते हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के पुरुषार्थ से अनुप्रणित है। हमारा ध्येय विद्यार्थियों का शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक रूप से विकास करना है, जो खेलों से ही संभव है।
कार्यक्रम में स्वामी रघुवाणी जी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में अंधेरी, लम्बी रात है तो होने दो, आपके ऊपर सद्गुरु का हाथ है। सूरज जरूर निकलेगा, तब आपका जीवन प्रकाशमय होगा। पतंजलि को पूरे विश्व में गौरवान्वित करो, आपसे ज्यादा प्रसन्नता आपके स्वामी जी को होगी क्योंकि जब शिष्य उन्नति करता है तो सबसे ज्यादा प्रसन्नता गुरु को ही होती है।
‘अभ्युदय वार्षिकोत्सव’के दूसरे दिन क्रीड़ा प्रतियोगिताएँ प्रारंभ की गईं जिनकी शुरूआत कुलपति श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी, माननीय केन्द्रीय राज्य सहकारिता मंत्री श्री बी.एल. वर्मा, माननीय सहकारिता मंत्री उत्तराखण्ड धनसिंह रावत तथा सहकारिता निबंधक आलोक पाण्डे ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इसके पश्चात माननीय अतिथियों ने कबड्डी व रस्साकसी प्रतियोगिताओं का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्री बी.एल. वर्मा ने कहा कि पूज्य स्वामी जी व श्रद्धेय आचार्य जी ने योग, आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्रदान कराने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में उन्हें पूरा भारत दिखाई दे रहा है। यहाँ शिक्षा के साथ-साथ योग, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री भी निरंतर खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं, खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया इसी को इंगित करते हैं। आज हमारे भाई ही नहीं बहनें भी देश के लिए पदक ला रही हैं। आप सभी पतंजलि विश्वविद्यालय, अपने प्रांत व देश को आगे बढ़ाने का कार्य करें।