स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी धर्म व वेद के विग्रहवान स्वरूप : स्वामी रामदेव
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पुणे (महाराष्ट्र)। आलंदी पुणे में गीताभक्ति अमृत महोत्सव में पूज्य स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी महाराज के 75वें अवतरण दिवस के पावन अवसर पर आनंदोत्सव कार्यक्रम में अनेक पूज्य संतों का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। इस दिव्य अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज, पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज सहित पूज्य संतों का उद्बोधन, आशीर्वचन व आशीर्वाद सभी भक्तगणों को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि गोविन्ददेव गिरि जी महाराज भारत का सांस्कृतिक नेतृत्व कर रहे हैं। महाराष्ट्र की भूमि ने स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज को अनन्त ज्ञान, भक्ति, शक्ति, शौर्य और पराक्रम सब कुछ दिया है, परन्तु इस कलिकाल में उन्होंने सब कुछ प्रदान कर दिया। वे धर्म व वेद के विग्रहवान स्वरूप है। उन्होंने कहा कि स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी गीता का प्रचार विश्वस्तर पर कर रहे हैं। पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमें स्वेदशी भाषाओं का संरक्षण करना चाहिये क्योंकि यह अत्यन्त आवश्यक है। इस समय भारत में पुनर्निर्माण का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांची पीठ विवाद की नहीं संवाद की पीठ रही है। परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री मा. प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी ने 11 दिन का उपवास नारियल पानी पी कर किया, इसके माध्यम से उन्होंने उत्तर और दक्षिण के मिलन व एकता का संदेश दिया।