अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में पतंजलि की सहभागिता व विश्व कीर्तिमान
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कपिल कुमार, योग संदेश विभाग
योग हमारे पूर्वज वैज्ञानिक ऋषियों का मानव जाति को अनुपम उपहार है जो कालखण्ड के प्रभाव में विलुप्त प्राय: हो गया था। ऐसा माना जाने लगा था कि योग केवल गुफा-कन्दराओं में संत-महात्माओं के लिए ही है। तब परम पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने पतंजलि योगपीठ के बैनर तले योग का ऐसा आंदोलन खड़ा किया जिसे आज विश्व के लगभग 200 देशों ने न केवल स्वीकार्यता दी अपितु वहाँ के नागरिकों ने योग को अपनी दैनिकचर्या का हिस्सा बनाया। यह संकल्प था एक संन्यासी का। पूज्य स्वामी जी महाराज ऐसे दिव्य व्यक्तित्व हैं जोयोग को वैश्विक स्वीकार्यता दिलाने के लिए अहर्निश, एकनिष्ठ, अखंड-प्रचंड पुरुषार्थ करते रहे तथा वन लाइफ वन मिशन के तहत चरैवेति-चरैवेति देश-विदेश में लगातार भ्रमण करते रहे। पूज्य स्वामी जी महाराज ने परोक्ष रूप से लगभग 200 करोड़ लोगों तक योग को पहुँचाया है। स्वामी जी महाराज प्रतिदिन डेढ़-ढाई लाख लोगों को योग के माध्यम से प्रेरित करते हैं।
योग को जन-जन तक पहुंचाने का श्रेय पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज को ही जाता है जिन्होंने पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, चारों दिशाओं को योग के माध्यम से एकाकार कर दिया। स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन और सभ्य समाज की रचना इसी योग से होगी, वस्तुत: स्वामी जी वर्तमान युग के पतंजलि हैं। स्वामी जी महाराज ने भारतीय संस्कृति, सभ्यता व सनातन को गौरवान्वित किया है। अब दुनिया की कोई ताकत नहीं जो भारतीय संस्कृति को हिला सके। वास्तव में विश्व योग दिवस की स्थापना में पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज का सबसे बड़ा योगदान है।
इस सम्पूर्ण आंदोलन में उनके सहभागी, सहायक व अनुगामी के रूप में श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज की भी बड़ी भूमिका है। दो महापुरुषों की जोड़ी ने योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, शिक्षा, चिकित्सा, ग्रामोद्योग, सूचना एवं तकनीकि आदि क्षेत्रों में बड़े आंदोलन किए जो आज एक मिसाल बन गए हैं। स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण दोनों का समुच्चय है पतंजलि योग पीठ का यह योग आंदोलन। जैसे दवायें नास्तिक-आस्तिक सभी के लिए उपयोगी होती हैं, वैसे ही योग है, जिससे आधि, व्याधि का शमन एवं उपाधि का पाना सम्भव है। विश्व में वैमनस्य जैसे दोष का मूल कारण अज्ञान है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में लगभग 200 देशों ने अपनाया योग को
पूज्य स्वामी जी के संकल्प तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में पूरे विश्व से लगभग 200 देशों की स्वीकार्यता मिली। इसमें कई मुस्लिम देश भी शामिल रहे। उस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूज्य स्वामी जी महाराज से अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का दिन निर्धारित करने का सुझाव मांगा तो पूज्य स्वामी जी महाराज ने यह तिथि 21 जून चुनी क्योंकि यह दिन पूरे वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है। जिसके बाद 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। बाद में लगभग २०० देशों में योग दिवस को स्वीकार्यता मिली।
2015 : राजपथ, दिल्ली योग शिविर
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिल्ली में राजपथ पर मनाया गया। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की उपस्थिति में राजपथ योगपथ बन गया। २०१५ में पहले अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए भारत में केन्द्र सरकार के साथ पतंजलि ने भी इस आयोजन के लिए खास तैयारियाँ की थी, विश्व योग दिवस को यादगार बनाने और पूरे विश्व को योग के प्रति जागरूक करने के लिए पूज्य स्वामी जी महाराज ने 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था।
सरकार द्वारा प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस दिल्ली के राजपथ पर मनाया गया। राजपथ के मंच को साझा करने के लिए प्रधानमन्त्री के साथ कुल छह अन्य लोगों को मौका मिला जिसमें पूज्य स्वामी जी को शामिल किया गया।
2016 : फरीदाबाद, हरियाणा योग शिविर
वर्ष 2016 में पूज्य स्वामी जी महाराज के दिशानिर्देशन तथा पतंजलि योगपीठ के तत्वावधान में फरीदाबाद के सेक्टर-12 स्थित हुडा मैदान में योग शिविर संचालित किया गया। इस शिविर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने भाग लिया।
फरीदाबाद में एक साथ ध्वस्त हुए थे कई रिकार्ड
फरीदाबाद में एक साथ कई रिकार्ड ध्वस्त हुए। एक लाख से अधिक साधकों को एक साथ योग कराने के लिए गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में इस आयोजन का नाम दर्ज किया गया। एक साथ 408 साधकों ने 15 सेकेंड तक शीर्षासन कर पतंजलि योगपीठ का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया। तीसरा रिकॉर्ड रोहताश चौधरी ने पीठ पर 80 पौंड (36.5 किग्रा.) वजन रखकर एक मिनट में 51 पुशअप्स मारकर बनाया। गिनीज बुक में अब तक यह रिकॉर्ड ३1 पुशअप्स का था। अन्य कार्यक्रम, जिसमें 9 साधकों ने 1500 से अधिक बार सूर्य नमस्कार कर विश्व कीर्तिमान बनाया। रवि झा ने 90 मिनट से अधिक समय तक शीर्षासन कर रिकॉर्ड बनाया। रोहताश चौधरी ने दूसरे कार्यक्रम में भी सर्वाधिक पुशअप्स का रिकॉर्ड बनाया।
2017 : अहमदाबाद, गुजरात योग शिविर
वर्ष 2017 में जीएमडीसी ग्राउण्ड, अहमदाबाद, गुजरात में योग शिविर संचालित किया गया जिसमें भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने भाग लिया। अहमदाबाद शिविर में लगभग तीन लाख से अधिक लोग आयोजन स्थल पहुंचे थे, जिनके लिए शहर के ही पांच अतिरिक्त ग्राउंडों में व्यवस्था की गयी थी। 21 जून को भारी संख्या में सम्मिलित लोगों तक प्रसारित संदेश समुचित रूप से पहुंचे इस निमित्त 100 से अधिक एलईडी स्क्रीन लगी थीं, तथा 100 से अधिक प्रवेश द्वार तैयार किये गये थे। योगाभ्यास को समुचित ढंग से करने के लिए पतंजलि के 10,000 कार्यकर्ता तैनात थे, जो साधकों को निकट जाकर निर्देशित कर रहे थे।
2018 : कोटा, राजस्थान योग शिविर
वर्ष 2018 में चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस राजस्थान सरकार एवं पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में आर.ए.सी. ग्राउण्ड, कोटा राजस्थान में मनाया गया। एक ही स्थान पर 2 किमी. से अधिक लम्बे तथा आधा किमी. से अधिक चौड़े आर.ए.सी. ग्राउण्ड, कोटा में विश्व के विशालतम योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 2 लाख से अधिक योग साधकों ने एकरूपता व अनुशासन के साथ योगाभ्यास किया। कोटा में गिनीज़ बुक ऑफ रिकार्ड ने नए कीर्तिमान की घोषणा करते हुए योगऋषि स्वामी जी महाराज, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया तथा जिला प्रशासन कलेक्टर श्री गौरव गोयल के हाथों में प्रमाण पत्र सौंपा। कार्यक्रम में 1 लाख 5 हजार लोगों की गणना तत्काल हो चुकी थी जो बाद में बढक़र 1 लाख 25 हजार बताई गई। 2 लाख योग साधकों में से रिकार्ड हेतु उन्हीं को शामिल किया गया जो सही प्रकार अनुशासन में रहते हुए 5 मानकों पर खरे उतरे। कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के सहयोगी के रूप में हर 50 व्यक्ति के ऊपर एक निरीक्षक अर्थात् कुल 4000 से अधिक सदस्य नियुक्त किये थे जिन्होंने प्रोटोकॉल के तहत योग करने वालों की मॉनिटरिंग की। इस अवसर पर गिनीज़ बुक की ओर से इंग्लैण्ड से आई मिस् रिबैका तथा मिस्टर स्वप्निल जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर 100 विश्व रिकार्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुए जिसके एशिया के प्रमुख और उनकी 100 से अधिक सहयोगियों की टीम ने 4 दिन लगातार विडियो रिकार्डिंग करके इन कीर्तिमानों को घोषित किया। कुल 101 कीर्तिमानों में 100 व्यक्तिगत तथा 1 सामूहिक कीर्तिमान शामिल है। इससे पहले एक ही स्थान पर सबसे बड़ी योग कक्षा का विश्व कीर्तिमान सर्वप्रथम आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2015 में राजपथ पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी जी के सान्निध्य में बनाया गया था जो कि 34 हजार से अधिक योग साधकों का था। दूसरा रिकार्ड 21 जून 2017 को गुजरात सरकार तथा पतंजलि योगपीठ द्वारा अहमदाबाद में गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी तथा श्री अमित शाह जी के सान्निध्य में बनाया गया था जिसकी संख्या 54,500 थी। इसके लगभग तीन महीने बाद जिला प्रशासन मैसूर द्वारा एक नवीन कीर्तिमान मैसूर में बनाया गया जिसमें योग साधकों की संख्या 55,500 रही।
फिर एक नवीन विश्व कीर्तिमान राजस्थान सरकार तथा पंतजलि योगपीठ एवं जिला प्रशासन के द्वारा, रेजोनेंस एवं ऐलेन शिक्षण संस्थान के सहयोग से परम श्रद्धेय योगऋषि स्वामी रामदेव जी एवं राजस्थान की माननीया मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे सिंधिया की उपस्थिति में कोटा के आर.ए.सी. ग्राउण्ड में बनाया गया।
गिनीज़ बुक ऑफ रिकार्ड ने नए कीर्तिमान की घोषणा करते हुए योगऋषि स्वामी जी महाराज तथा जिला प्रशासन कलेक्टर श्री गौरव गोयल के हाथों में प्रमाण पत्र सौंपा। कार्यक्रम में 1 लाख 5 हजार लोगों की गणना तत्काल हो चुकी थी जो बाद में बढक़र 1 लाख 25 हजार हो चुकी गई थी। 2 लाख योग साधकों में से रिकार्ड हेतु उन्हीं को शामिल किया गया जो सही प्रकार अनुशासन में रहते हुए 5 मानकों पर खरे उतरे। कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के सहयोगी के रूप में हर 50 व्यक्ति के ऊपर एक निरीक्षक अर्थात् कुल 4,000 से अधिक सदस्य नियुक्त किये गए थे जिन्होंने प्रोटोकॉल के तहत योग करने वालों की मॉनिटरिंग की। इस अवसर पर गिनीज़ बुक की ओर से इंग्लैण्ड से आई मिस रिबैका तथा मिस्टर स्वप्निल जी उपस्थित रही। 100 विश्व रिकार्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुए जिसके एशिया के प्रमुख और उनकी 100 से अधिक सहयोगियों की टीम ने 4 दिन लगातार विडियो रिकार्डिंग करके इन कीर्तिमानों को घोषित किया। कुल 101 कीर्तिमानों में 100 व्यक्तिगत तथा 1 सामूहिक कीर्तिमान शामिल रहा। जिसमें वैदिक गुरुकुलम् के ब्रह्मचारी कुलदीप जी द्वारा 25,000 पुश-अप, पतंजलि विश्वविद्यालय के भाई रवि व्योम शंकर झा द्वारा 24 घण्टे जल में रहकर योग, स्वामी गोविन्द देव जी द्वारा 40 घण्टे में 12,000 सूर्य नमस्कार, ब्रह्मचारी ऋषिपाल जी द्वारा 53 घण्टे तक लगातार योग मैराथन, महेश योगी द्वारा २१ घण्टे में २ लाख कपालभाति प्राणायाम, चन्द्रप्रकाश द्वारा १ घण्टा जानुशिरासन, ब्रह्मचारिणी शीतल जी द्वारा 21 घण्टे 27 मिनट तक अनुलोम-विलोम के विश्व कीर्तिमान शामिल हैं। ऐसे 100 व्यक्तिगत कीर्तिमान इस अवसर पर बनाये गये। स्वामी जी महाराज ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में राजस्थान के चिकित्सा एवं आयुष मंत्री श्री कालीचरण सराफ, कृषि मंत्री श्री बाबूलाल सैनी जी, कोटा के सांसद श्री ओम बिरला जी उपस्थित रहे।
2019 : नांदेड, महाराष्ट्र योग शिविर
2019 नांदेड़, महाराष्ट्र में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर आयोजित योग शिविर में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडनवीस ने भाग लिया। नांदेड़, महाराष्ट्र में महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से आयोजित अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक लाख से अधिक योग साधकों ने एक साथ योग किया।
2020 : कोरोना काल, पूज्य स्वामी जी के आह्वान पर घर पर रहकर योगाभ्यास
वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण पूज्य स्वामी जी महाराज ने देशवासियों के साथ पूरे विश्व के लोगों से अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस सूक्ष्म व सांकेतिक रूप से घर पर मनाने का आह्वान किया गया, जिसका सभी ने पालन भी किया। सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन्स का पालन करते हुए लोगों ने घर पर रहकर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया और योग-आयुर्वेद से कोरोना को हराया।
2021 : कोरोना काल, पूज्य स्वामी जी के आह्वान पर घर पर रहकर योगाभ्यास
7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज तथा आयुर्वेद शिरोमणि श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के पावन सान्निध्य में पतंजलि योगपीठ-२ स्थित योगभवन सभागार के साथ पूरा विश्व योगमय हो गया। व्यष्टि से समष्टि तक की यात्रा है योग। चारों वेद, उपनिषद्, दर्शन तथा श्रीमद्भगवतगीता की पावन ऋचाओं के वाचन के मध्य योग का शंखनाद करते हुए पूज्य स्वामी जी महाराज ने स्वस्थ जीवन व निरोगी काया की प्राप्ति के लिए योग को एकमात्र साधन बताया। यौगिक स्केटिंग, यौगिक जिम्नास्टिक, मल्लखम्भ, मल्लयुद्ध, यौगिक मुद्राओं और झांकियों के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई।
यह योग दिवस योगा फॉर वैलनेस के लिए समर्पित किया गया। जिसमें देश व दुनिया को योग, आयुर्वेद व नेचुरोपैथी पर आधारित इंटिग्रेटेड चिकित्सा पद्धति की सौगात मिली। यह ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम अपनी जड़ों से जुड़ते हुए रोगों की जड़ों तक जाकर रोगों जड़ से मिटा सकें चाहे वह लाइफ स्टाइल डिज़ीज हो, ऑटो इम्यून डिज़ीज हो या असाध्य वंशानुगत रोग हों।
2022 : पतंजलि वैलनेस, पतंजलि योगपीठ-२, हरिद्वार
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 8वें संस्करण की थीम ‘योग फॉर ह्यूमैनिटी’अर्थात् ‘मानवता के लिए योग’रखी गई जिसमें पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के नेतृत्व में पतंजलि वैलनेस केन्द्र, पतंजलि योगपीठ-।। में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं लाल किले पर आयुष मंत्रलय द्वारा संचालित कार्यक्रम में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी के साथ योग-सत्र में भाग लिया।
इस अवसर पर आजादी के 75 वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत देश के पतंजलि योग समितियों के सहयोग से देश के 75 ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा आईकोनिक स्थानों, 500 जिलों की लगभग 5000 तहसीलों में करोड़ों लागों ने एकरूपता के साथ योग किया। ऐसा प्रतीत होता है मानो भारत के साथ पूरा विश्व एकात्मता के सूत्र में, योगसूत्र में बंध गया हो।
पूरे कार्यक्रम के दौरान पतंजलि गुरुकुलम् के विद्यार्थियों ने निरंतर मलखम्ब, कुश्ती, बाक्सिंग, ताइक्वांडो, सूर्यनमस्कार, दण्ड-बैठक तथा योगासनों का प्रदर्शन किया। मानव सेवा को समर्पित पतंजलि वैलनेस की इंटिग्रेटेड थैरेपी का भी लाईव प्रसारण किया गया।
लाल किले से योग का शंखनाद
लाल किले पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने योग का शंखनाद किया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण जी महाराज केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप पुरी के साथ योग करते नजर आए।
2023 : ग्राउण्ड निकट पतंजलि वैलनेस, पतंजलि योगपीठ-2, हरिद्वार
9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के पावन सान्निध्य में पतंजलि वेलनेस केन्द्र, पतंजलि योगपीठ-।। स्थित विशाल मैदान में योग सत्र का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 20 हजार योग साधकों ने योग का लाभ लिया। स्वामी जी महाराज द्वारा योग के शंखनाद के साथ पूरा विश्व योगमय हो गया। वहीं देश के लगभग सभी 600 जिलों व 5000 तहसीलों में एक साथ योगाभ्यास किया गया। कार्यक्रम में मत-धर्म-जाति-सम्प्रदाय के भेद को समाप्त करते हुए हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध आदि विभिन्न समुदायों के लोगों ने सहभागिता की। इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी जी महाराज, पूज्य आचार्य जी महाराज तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने उपस्थित योग साधकों को अपनी दिव्य वाणी से अभिसिंचित किया। स्वामी जी महाराज के आह्वान पर भारत में कम से कम 10 करोड़ से ज्यादा लोग योग के लिए घरों से बाहर निकले, यह योग का अप्रतिम जलवा था जिसमें योग धर्म, वेद धर्म, ऋषि धर्म, सनातन धर्म के माध्यम से राष्ट्र धर्म का नया आगाज, युग धर्म का एक नया स्वर गुंजायमान हुआ। कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुलम् के 66 बालयोगियों ने लगातार 150 मिनट तक 2100 से ज्यादा बार सूर्य नमस्कार किया। पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मल्लखम्भ, मल्लयुद्ध, यौगिक मुद्राओं, जिम्नास्टिक आदि का प्रदर्शन किया।
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