लगातार घण्टों ऑफिस में बैठकर काम करने से रोगों का खतरा
यौगिक जीवनशैली है रोगों का स्थाई समाधान
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डॉ. सचिन कुमार शर्मा
साइंटिस्ट-डी, योग रिसर्च डिवीजन, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन
विगत 25 वर्षों से पूरी दुनियां में ऑफिस में बैठकर कार्य करने के चलन में तीव्र वृद्धि हुई है। अधिकांशत: ऑफिस में बैठकर कार्य करने वाले कर्मचारियों को लगातार कई-कई घंटों तक बैठकर कार्य करना होता है। काफी समय तक लगातार बैठे रहने से कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के खतरे (जोखिम) बढ़ जाते हैं, जैसे- मस्कुलो स्केलेटल प्रॉब्लम्स, मोटापा, मधुमेह आदि। इसके अलावा काफी लम्बे समय से लगातार बैठकर कार्य करने से हमारे मस्तिष्क में होने वाले रक्त प्रवाह में भी कमी आती है। हॉल ही में हुए एक अध्ययन में देखा गया है कि लगातार २ घंटे तक बैठे रहने पर हमारी मध्य मस्तिष्क धमनी (Middle Cerebral Artery) में होने वाले रक्त प्रवाह में औसत रूप से ३.२ ± १.२ cm/sec की कमी देखी गई है। ध्यान देने वाली बात यह है कि मध्य मस्तिष्क धमनी (Middle Cerebral Artery) हमारे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह के लिए सबसे बड़ी व मुख्य धमनी हैं।
काफी लम्बे समय तक यदि मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में कमी होती है तो इसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव हमारे संज्ञानात्मक कार्यों (जैसे एकाग्रता, याद्दाश्त, सीखने की क्षमता, बातचीत करने क्षमता इत्यादि) पर भी होता है। इसके साथ-साथ भविष्य में मनोभ्रंश (Dementia) का खतरा भी मस्तिष्क में लगातार रक्त प्रवाह में होने वाली कमी से बढ़ता है। अत: हमें एक ऐसे समाधान की आवश्यकता है जो लगातार बैठे रहने से होने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने में हमारी मदद कर सके।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में देखा गया है कि प्रत्येक आधे घंटे बैठकर कार्य करने के बाद यदि २ मिनट तक टे्रडमिल पर एक मध्यम गति से चला जाए तो लगातार बैठने के कारण मस्तिष्क में होने वाले रक्त प्रवाह में कमी से बचा जा सकता है। किन्तु यह प्रयोग प्रैक्टिकली संभव नहीं है क्योंकि सभी कार्यालयों में टे्रडमिल उपस्थित नहीं कराया जा सकता।
इस समस्या का वास्तविक समाधान योगासनों के द्वारा किया जा सकता है। हमने अनुसंधान में पाया कि प्रत्येक एक घंटे बाद यदि २ मिनट के लिए परम पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज द्वारा सुझावी कुछ आसानों का अभ्यास किया जाए तो लगातार बैठे रहने के कारण मस्तिष्क में होने वाले रक्त प्रवाह में कमी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही साथ ये आसन मस्कुलो स्केलेटल सम्बंधी समस्याओं, मोटापा, व टाईप-2 डायबिटीज के रोकथाम में भी उपयोगी है।
उदाहरण के लिए कुछ आसनों को नीचे दिया गया है- ताड़ासन, त्रिर्यक ताड़़ासन, कोणासन, पाद हस्तासन, त्रिकोणासन इत्यादि महत्वपूर्ण आसन हैं। लगातार एक घंटा बैठकर कार्य करने के पश्चात इनमें से किसी भी एक आसन का 2 मिनट के लिए अभ्यास करें तो मस्तिष्क में रक्त प्रवाह का संचार सुचारू रूप से बना रहता है।
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