आश्चर्यजनक ‘मानव शरीर’
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मानव शरीर प्रकृति का सबसे अद्भुत यन्त्र है, एक अकेले मानव शरीर में हजारों फैक्टरियों में होने वाली प्रक्रियाओं के बराबर अलग-अलग कार्य होते है, पूरी दुनियां के वैज्ञानिक मिलकर भी एक मानव शरीर जैसा यन्त्र नहीं बना सकते है। मानव शरीर इतना अद्भुत व चमत्कारिक है कि इसका हर एक अंग रहस्य से भरा हुआ है। आईये! मानव शरीर व उसके अंगों के बारे में महत्वपूर्ण व आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में चर्चा करते है...
मानव शरीर की कीमत
वैसे तो मानव का शरीर बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस शरीर की कोई कीमत नहीं हो सकती, क्योंकि यह किसी फैक्ट्री में बनाया नहीं जा सकता, फिर भी एक एक अंग जिसका प्रत्यारोपण किया जा सकता है उसके आधार पर जैसे किडनी का प्रत्यारोपण का खर्च 10 से 25 लाख रुपए है। लिवर, हार्ट और दांत के प्रत्यारोपण का खर्च लाखों रुपये होता है, इस प्रकार से यदि हम प्रत्यारोपण के खर्च की बात करें तो वह भी सैकड़ों करोड़ में होता है और वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यदि इस मानव शरीर को किसी फैक्ट्री में बनाया जाये, तो उसकी कीमत लगभग 400 करोड़ से लेकर 1 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है, ऐसा वैज्ञानिकों का आकलन है।
मानव शरीर के बारे में कुछ तथ्य
कोशिकाएँ जीवन की मूल इकाई
कोशिका जीवन की मूल इकाई हैं, सभी जीवित वस्तुएँ कोशिकाओं से बनी हैं। एक मानव शरीर में 1 मिनट में लगभग 30 करोड़ कोशिकाए मरती है अर्थात् एक दिन में लगभग 1.2 किलोग्राम कोशिकाए मर जाती हैं तथा इतनी ही कोशिकाए जन्म लेती है। एक मानव शरीर पर लगभग 50 लाख बालों के रोम होते हैं और सर पर बालों की संख्या लगभग 90 हजार से 1.5 लाख होती है, जिनमे प्रतिदिन औसतन 50 से 100 बाल झड़ जाते है तथा युवावस्था तक उतने ही नए बाल जन्म लेते है।
जीवन का सार है डीएनए
मानव शरीर कोशिकाओं और डीएनए से बना हुआ है। हर कोशिका के अन्दर एक केन्द्रक होता है और हर केन्द्रक के भीतर क्रोमोसोम यानि गुणसूत्र होते है। गुणसूत्र में हमें बनाने व कायम रखने के लिए प्रोग्रामिंग का पूरा सेट होता है और ये छोटे रसायन डीएनए से मिलकर बने होते है। डीएनए को पृथ्वी पर मौजूद सबसे असाधारण मॉलिक्यूल कहा जाता है जो हमारी सभी आनुवंशिक जानकारी रखता है। इसमें जेनेटिक प्रोग्रामिंग शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि जीवित प्राणी ठीक से विकसित हो सकें, जीवित रह सकें और प्रजनन कर सकें। मानव शरीर के अन्दर इतने जटिल डीएनए है कि यदि उनको सीधा करके एक लाइन में रखा जायें तो 620 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की लम्बाई हो जाएगी और यह पृथ्वी से सूर्य की दूरी को 41 से अधिक बार कवर करने के लिए पर्याप्त है।१
डीएनए की स्टोरेज क्षमता
वैज्ञानिकों का मानना है कि डीएनए का लगभग एक ग्राम 215 मिलियन गीगाबाइट डेटा संग्रहीत कर सकता है और एक चीनी क्यूब से छोटी डीएनए की मात्रा अब तक बनी सभी फिल्मों को संग्रहीत कर सकती है। दो यात्री वैन के आकार का डीएनए का एक कंटेनर दुनिया में अब तक बनाए गए सभी डेटा को संग्रहीत कर सकता है।
कई ट्रिलियन जीवाणु का घर है हमारा शरीर
प्रत्येक मानव शरीर में लगभग 10 क्वाड्रिलियन कोशिकाएँ होती हैं लेकिन लगभग 100 क्वाड्रिलियन जीवाणु कोशिकाए होती हैं। संक्षेप में, वे हमारा एक बड़ा हिस्सा हैं या बैक्टीरिया के दृष्टिकोण से देखें तो हम उनका एक छोटा सा हिस्सा हैं।
बिल ब्रायसन, ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ़ नियरली एवरीथिंग (2003)
(1 क्वैड्रिलियन = दस हजार लाख करोड़)
हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि बैक्टीरिया के बिना हम एक दिन भी इस पृथ्वी पर जीवित नहीं रह सकते है। एक स्वास्थ्य मनुष्य के शरीर की त्वचा पर (अगर वह औसत दर्जें की साफ सफाई रखता है, तो लगभग एक ट्रिलियन अर्थात् एक लाख करोड़ जीवाणु होते है। जो हर रोज हमारी त्वचा से झडऩे वाली लगभग दस बिलियन अर्थात् एक हजार करोड़ पपडिय़ों की दावत उड़ाते है यही नहीं ये हमारी पोरों और दरारों से निकलने वाले स्वादिष्ट तेलों व खनिजों का भी आनंद लेते है।
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यह तो केवल हमारी त्वचा में रहने वाले बैक्टीरिया है, इसके अलावा हमारी आतों और नथुनों में, बाल और पलकों पर, आँखों की सतह पर और मुंख में भी बैक्टीरिया मौजूद हैं।
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हमारे पाचन तंत्र में ही लगभग सौ ट्रिलियन अर्थात् सौ लाख करोड़ बैक्टीरिया होते है।
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एक अकेले मनुष्य के मुंह में इतने जीवाणु होते है, जितने इस धरती की आबादी नहीं है अर्थात् 800 करोड़ से अधिक जीवाणु या बैक्टीरिया मनुष्य के मुहँ में होते है।
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मनुष्य के छींक की स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक भी हो सकती है।
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मनुष्य का बाल अपने वजन से 500 गुणा अधिक वजन उठा सकता है।
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मनुष्य के शरीर में सबसे शक्तिशाली मांशपेशी उसकी जीभ है, जिसमे लगभग 2000 से अधिक टेस्ट बड्स होती है जिसके माध्यम से स्वाद का पता लगता है।
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मनुष्य को अपना एक कदम को उठाने के लिए भी शरीर की 200 से अधिक मांसपेशियोंं की सहायता लेनी पड़ती है।
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मानव शरीर में 700 से अधिक एंजाइम सक्रिय रहते है, मनुष्य शरीर के अमाशय में बनने वाले पाचक रस के अन्दर हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है यह एसिड इतना तीक्ष्ण होता है कि लोहे जैसे धातु को भी गला सकता है।
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मनुष्य के शरीर का 99% कैल्शियम केवल दांतों और हड्डियों में होता है। मनुष्य की सबसे छोटी हड्डी कान में होती है जिसका नाम स्टेपीज़ है, जो केवल एक चावल के दाने के बराबर होती है।
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एक नवजात शिशु के शरीर में जन्म के समय 300 हड्डियाँ होते है और बड़े होने के बाद यह हड्डियाँ जुडक़र केवल 206 रह जाती है।
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मनुष्य के शरीर की हड्डियाँ इतनी शक्तिशाली है कि सामान बराबर साइज़ की स्टील की रॉड तुलना में पांच गुणा ज्यादा ताकतवर होती है, लेकिन मनुष्य के शरीर की हड्डियाँ स्टील की तुलना में ज्यादा भंगुर होती है, जिसके कारण झटका लगने पर जल्दी टूटती है।
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मनुष्य के जांघ की हड्डी जिसे फीमर कहा जाता है वह शरीर की सबसे लम्बी हड्डी है और यह इतनी शक्तिशाली है कि मनुष्य के शरीर का 30 गुणा तक का भार यह हड्डी उठा सकती है।
दिल और मस्तिष्क के आश्चर्यजनक तथ्य
एक मानव का दिल औसत 72 बार प्रति मिनट की दर से एक दिन में 1,03,680 बार धडक़ता है। इस प्रकार अपने औसत 70 वर्ष के जीवन काल में मनुष्य का दिल लगभग 300 करोड़ बार धडक़ता है। हमारा दिल प्रतिदिन पूरे शरीर में लगभग 7,500 लीटर (या 2,000 गैलन) रक्त पंप करता है।
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यदि हम किसी वयस्क के शरीर में सभी रक्त वाहिकाओं को एक सीधी रेखा में रखें, तो वे लगभग 60,000 मील (या 96,560 किलोमीटर) तक खिंच जाएंगी। यह पृथ्वी का दो बार से अधिक चक्कर लगाने के लिए पर्याप्त है। हमारी पृथ्वी का डाइमीटर 12,742 km है और परिधि 40,075 km है।
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हमारा मस्तिष्क 10 से 12 वाट के बल्ब को जलाने में जितनी बिजली की जरुरत होती है उतनी उर्जा की खपत करता है।
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हमारे इस एक 1200 से 1400 ग्राम के मस्तिष्क की मेमोरी पॉवर इतनी है कि 2.5 पेटाबाइट (2.5 मिलियन GB) के बराबर सूचनायें अर्थात् डाटा को स्टोर किया जा सकता है और जो अध्यात्मिक योगी महात्मा होते है जिन्होंने प्राणायाम और ध्यान से अपने मस्तिष्क को डेवेलप कर लिया है वे कई TB तक की सूचनाओं को स्टोर कर सकते है।
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मनुष्य के मस्तिष्क में हर सेकंड 1 लाख से अधिक रासायनिक प्रक्रियाए होती है, मनुष्य के शरीर से 80% ऊष्मा मस्तिष्क के माध्यम से निकलती है।
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मानव मस्तिष्क का लगभग 80% भाग पानी होता है और इसमें लगभग 8600 से 10,000 करोड़ न्यूरॉन होते है, जो लगभग सौ खरब संवेदी तारों से एक दूसरे से जुड़े होते है तथा नर्व इम्पल्स के माध्यम से 268 माइल्स (लगभग 431 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से मस्तिष्क तथा दूसरे अंगों के बीच में सूचनाओं का आदान प्रदान करती है।
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मनुष्य की आंख का लेंस 576 मेगापिक्सेल का होता है। मनुष्य की आंख इतना चमत्कारिक लेंस है जो दस लाख से अधिक रंगों की अलग-अलग पहचान कर सकती है।
लिवर और किडनी के आश्चर्यजनक तथ्य
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लिवर हमारे शरीर में 500 से अधिक कार्य करता है। लिवर हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जिसका एक हिस्सा कट जाने या नष्ट हो जाने पर दुबारा से अपने-आप को रेजुनेट कर लेता है।
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किडनी प्रतिदिन लगभग 150 से 180 लीटर रक्त को फिल्टर करके 0.94 से 1.7 लीटर मूत्र का उत्पादन करते हैं।
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मनुष्य की किडनी में 10 से 20 लाख नेफ्रोंस (nephron) होते है जो इलेक्ट्रोलाइट और अम्ल और छार का संतुलन व रक्त चाप को कण्ट्रोल करने का काम करते हैं।