पतञ्जलि संस्था आगे बढ़ती रहे
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साध्वी देवशक्ति पतंजलि संन्यास आश्रम
ये पतञ्जलि संस्था आगे सदा बढ़ती रहे
ऋषियों के सभी कार्य पूर्ण होते रहें
ऋषि संस्कृति की जीवन्त अभिव्यक्ति है पतञ्जलि
अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ, तप, त्याग, सेवा से बना है पतञ्जलि
हे ईश्वर! इसका वैभव आगे बढ़ता रहे
गुफाओं और कन्दराओं से योग को इसने जमीन पर उतारा
जो लुप्त हो चुका था, चमका फिर योगरूपी सितारा
प्रारंभ में संघर्षों, अभावों, बाधाओं, चुनौतियों का सामना किया
लेकिन फिर भी सेवा, साधना और राष्ट्र निर्माण कार्य किया
धन्य-धन्य है ऐसे ऋषि महान् जो सदा आगे बढ़ते रहें
आयुर्वेद को पुन: खोई हुई पहचान है इसने दिलाई
500 से अधिक रिसर्च पेपर्स इन्टरनेशनल जनरल प्रकाशित कराई
लेकिन यह कार्य करना इतना नहीं सरल था
क्योंकि विरोधियों व आसुरी शक्तियों से लडऩा जटिल था
लाखों बाधाओं को हटाते हुए अनवरत चलते रहे फिर भी।
जब चारों ओर देखा बच्चा-बच्चा मैलोलिक शिक्षा पढ़ रहा
अपने गौरवशाली इतिहास को भूल, झूठा इतिहास पढ़ रहा
तब भारतीय शिक्षा बोर्ड का निर्माण भी कर दिया
भारत के बच्चों का मानस फिर से भारतीय कर दिया
ये ऋषि गौरवपूर्ण वैभवशाली इतिहास नूतन रच रहे
अब भारत के बच्चों का मानस राम और कृष्ण जैसा होगा
अब पुन: वातावरण रामराज्य-काल जैसा होगा
इस हेतु पतञ्जलि गुरुकुलम् और आचार्यकुलम् बना दिया
युवाओं के उत्थान को पतञ्जलि विश्वविद्यालय बना दिया
शिक्षा संस्थानों से देश की भावी पीढ़ी को मार्ग दिखा रहे
विदेशी कंपनियों को इसने अब पीछे छोड़ा है
स्वदेशी वस्तुओं का विकल्प दें, स्वदेशी से लोगों को जोड़ा है
रोगों व दु:खों से पीडि़तों को देख ऋषि की आखें नम थी
इसी वेदना को दूर करने हेतु निरामय, पतञ्जलि वेलनेस खोल दी
जहाँ लाखों लोग बड़े से बड़े रोगों से निजात पा रहे
इतना ही नहीं इन ऋषिपुत्रों ने कृषि क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया
किसान समिति बना लोगों को जैविक खेती से जोड़ दिया
नारी को पुन: माँ दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी बाई, मीरा बनाने के लिए
महिला समिति बनाई नारी शक्ति को जगाने के लिए
युवा भारत युवाओं को जगा रहा,
योग प्रचारक योग नित करा रहे
यह 28 वर्षों की अद्वितीय गौरवपूर्ण यात्रा का सार है
और आगे ये इतनी बढ़ेगी जिसका न होगा कोई पार है
शिक्षा, चिकित्सा, अध्यात्म, अनुसंधान कृषि उऋोग इत्यादि से
ऐसे ही यह संस्था नूतन-नूतन इतिहास सदा रचती रहे।
लेखक
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