नेपाल में भूकंप पीडि़तों के लिए पतंजलि बना सहारा
पीडि़त परिवारों के जीवन यापन के लिए राहत सामग्री रवाना
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· भारत व नेपाल दो अलग देश किन्तु हमारी सांस्कृतिक विरासत सांझी है, हमारे पूर्वजों की विरासत सांझी है : स्वामी रामदेव
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जहाँ भी दैवीय आपदा आती है, वहाँ सेवा व सहयोग में पतंजलि की भूमिका अग्रणी होती है : आचार्य बालकृष्ण
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पतंजलि आयुर्वेद मुख्यालय से लगभग 50 टन राहत सामग्री ट्रकों के माध्यम से नेपाल रवाना
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राहत सामग्री के रूप में टैण्ट, कम्बल, बर्तन, आटा, चावल, दालें, तेल, नमक, मसाले, साबुन, तिरपाल इत्यादि किए रवाना
नेपाल के विनाशकारी भूकंप में सैकड़ों लोगों की जीवनलीला समाप्त हो गई परन्तु इस प्राकृतिक आपदा के कारण जिनका जीवन संघर्षमय हो गया, उनके लिए तो हम कुछ कर ही सकते हैं। हमें आपदा पीडि़तों के लिए आगे आना चाहिए और यथा सम्भव सहयोग करना चाहिए। इसी भाव से पतंजलि आपदा के समय नेपालवासियों का सहारा बनकर सामने आया है। पतंजलि के द्वारा नेपाल में भूकंप पीडि़तों के सहायतार्थ जरूरी सामान तथा खाद्य सामग्री लेकर आठ ट्रक रवाना किए गए हैं। पदार्था स्थित पतंजलि फूड पार्क से पतंजलि के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव जी महाराज तथा महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने झण्डी दिखाकर ट्रकों को रवाना किया।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि बाढ़, भूकंप से लेकर किसी भी प्राकृतिक आपदा में पतंजलि ने आपदा पीडि़तों के लिए सबसे पहले हाथ आगे बढ़ाए हैं। जब हमने नेपाल की इस भूकंप की त्रासदी के विषय में सुना तो श्रद्धेय आचार्य जी ने कहा कि हमें मानवता की सेवा के लिए आगे आना चाहिए। भारत व नेपाल दो अलग देश होते हुए भी हमारी सांस्कृतिक विरासत सांझी है। हमारे पूर्वजों की विरासत सांझी है। हम एक-दूसरे को अपना परिवार मानते हैं। इसी परिवारभाव व सेवाभाव से जिन लोगों ने अपनों को खो दिया, जिनका आज तक का संचित इस भूकंप ने समाप्त कर दिया, हमने उनकी सेवा के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। इसी मनोभाव के साथ पतंजलि आयुर्वेद के मुख्यालय से भूकंप पीडि़तों तक ट्रकों के माध्यम से राहत सामग्री भेजी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय हमारा एक ही उद्देश्य है कि जरूरतमंदों तक हम अपनी सेवाएँ पहुँचा पाएँ। आपदा की इस घड़ी में पतंजलि पीडि़त परिवारों के साथ खड़ा है। शीत का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है, ऐसे में हमने खाद्य सामग्री के साथ-साथ कम्बल आदि की व्यवस्था भी की है।