पतंजलि वैलनेस में निराश-हताश लोगों को मिली आशा की किरण
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डॉ. अनुराग, चिकित्सक- पतंजलि योगग्राम
योग-ग्राम विश्व के सबसे बड़े योग, ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर चिकित्सा, मनोचिकित्सा, यज्ञ चिकित्सा का संस्थान है। पतंजलि योग पीठ द्वारा संचालित योगग्राम की भारतीय संस्कृति पर आधारित प्राकृतिक योग आयुर्वेद चिकित्सा त्रिवेणी का अनुपम आरोग्य तीर्थ स्थान है, जिसमें स्वास्थ्य प्राप्ति एवं रोग मुक्ति के लिए रोगी निरन्तर इस त्रिवेणी के संगम में स्नान हेतु नाना प्रकार के तीव्र जीर्ण साध्य-असाध्य एवं जटिल रोग हृदय रोग एस.एल.ई टाइपवन डाईबिटीज तथा र्यूमेटायड आर्थराइटिस जैसे अनेक आटोइम्यून डिजीज पार्किन्सन, मोटर न्यूरॉन डिजीज, डिमेंशिया आदि प्रोग्रेसिव न्यूरोलॉजिकल रोग दमा अल्सर, पेट, फेफड़ा, हृदय, थायरॉयड महिला संबंधी रोगों तथा अन्य अनेक ज्ञात अज्ञात रोगों से ग्रस्त रोगी आ रहे हैं तथा स्वास्थ्य, सुख चैन शान्ति प्राप्त कर लौट रहे हैं। प्रतिदिन सुबह पूज्यपाद स्वामी जी महाराज का प्रेरणादायी, आरोग्य प्रदायनी योग प्राकृतिक तथा आयुर्वेद तथा आधुनिक चिकित्सा पद्धति तथा पंतजलि रिसर्च संस्थान द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों की विवेचना पूर्ण सम्बोधन एवं अमृत तुल्य आशीर्वचन स्वास्थ्य साधकों के लिए मृत संजीवनी का कार्य करता है। विश्व में अपने प्रकार के संस्थान में मानव जाति के लिए सदा स्वस्थ रहने तथा जीवन रूपान्तरण का महाप्रयोग एवं महाआरोग्य अनुष्ठान चल रहा है। विश्व में पतंजलि योगपीठ द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य रक्षण स्वास्थ्य सम्वद्र्धन एवं रोग निवारण का अद्वितीय कार्य हो रहा है। अब तक पतंजलि योगपीठ से करोड़ों रोगग्रस्त लोगों को स्वस्थ जीवन का अभयदान मिला है। ऐसा कार्य विश्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अतुलनीय है। शिक्षा, प्राकृतिक, योग एवं आयुर्वेद में अनुसंधान के माध्यम से प्राकृतिक, योग, आयुर्वेद चिकित्सा को सार्वभौम बनाने के लिए पतंजलि योगपीठ द्वारा जो कार्य हुआ है, हो रहा है और होगा वह अद्वितीय है। |
पतंजलि वैलनेस में अस्थमा व चश्मा दोनों को किया विदा
पूज्य मेरी उम्र 70 वर्ष है। पिछले 20 साल से मैं अस्थमा से पीडि़त था तथा 20 साल पहले ही मुझे चश्मा लग गया था। मैं गाँव के स्कूल में बच्चों को प्रतिदिन योग कराता हूँ जिस कारण गाँव के लोगों ने मेरा नाम भी आपके नाम पर रामदेव ही रख दिया है। पतंजलि वैलनेस में आकर मुझे योग-प्राणायाम व प्राकृतिक चिकित्सा का अभुतपूर्व लाभ मिला है। स्वामी जी मुझे यहाँ आए मात्र 8 दिन हुए हैं। मैं प्रतिदिन 1 घण्टा शीर्षासन करता हूँ जिससे मेरी आँख की रोशनी बढ़ गई है तथा मैंने चश्मे को पूरी तरह विदा कर दिया है। पतंजलि वैलनेस के प्राकृतिक उपचार व योग-प्राणायाम से मेरा अस्थमा भी ठीक हो गया है। अनुलोम-विलोम के चमत्कारी परिणाम से मैंने श्वास रोग को भी विदा कर दिया है। स्वामी जी आपके दर्शन लाभ पाकर मैं कृतार्थ हुआ। 70 वर्ष की आयु में मैंने पूर्ण स्वस्थ शरीर व निरोगी काया को अनुभव किया है। अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ, तथा आनन्दित जीवन जी रहा हूँ। यह सब आपके योग-प्राणायाम तथा समाज के प्रति नि:स्वार्थ सेवाभाव से ही सम्भव हो पाया है। आपको मेरा शत-शत प्रणाम।
-ओमप्रकाश, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
योग-आयुर्वेद से हुई संतान की प्राप्ति
स्वामी जी विवाह के बाद कई साल तक मुझे संतान सुख से वंचित रहना पड़ा। अनेकों उपाय किए, जगह-जगह डॉक्टरों को दिखाया, आई.यू.आई. तथा आई.वी.एफ. भी कराया पर कोई लाभ नहीं हुआ। डॉक्टरों ने भी हार मान ली थी। मुझे तनाव भी रहने लगा था। वर्ष 2015 में एक आशा के साथ मैं पतंजलि आई। यहाँ चिकित्सक की सलाह पर मैंने शिवलिंगी बीज, पुत्रजीवक आदि आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन किया। साथ ही कुछ योग-आसनों का भी अभ्यास किया। दो माह बाद मेरे जीवन में मानो चमत्कार हो गया जब मुझे पता चला कि मैं गर्भवती हूँ। संतान प्राप्ति से मुझे माँ बनने का गौरव मिला। फिर बाद में मुझे दो बच्चे जुड़वा पैदा हुए। किन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि आई.यू.आई. तथा आई.वी.एफ. तकनीक ने मुझे बच्चों का सुख तो दिया नहीं दुष्परिणाम के रूप में कैंसर दे दिया। अब मैं पुन: पतंजलि की शरण में हूँ, मुझे पूर्ण विश्वास है कि पतंजलि में मैं कैंसर को भी परास्त कर दूँगी।
आर्टिकेरिया (शीत-पित्त) से मिला छुटकारा
मैं 4-5 साल से आर्टिकेरिया (शीत-पित्त) से पीडि़त था जिससे मुझे बहुत तकलीफ रहती थी। खुजली के कारण मैं एक रात भी कहीं बाहर भी नहीं रहता था। फिर मैंने आपके द्वारा बताए योग व प्राणायाम का अभ्यास किया। अनुलोम-विलोम व कपाभाति का मुझे विशेष लाभ हुआ। आपने एक कार्यक्रम में घी, काली मिर्च व खाण्ड का प्रयोग शीत-पित्त में लाभकारी बताया था जिसका मैंने प्रयोग अपने ऊपर किया। मैंने दो चम्मच शुद्ध घी, 3-5 काली मिर्च तथा थोड़ी सी खाण्ड का प्रयोग शुरू किया जिसके मुझे सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए और अब मैं पूरी तरह ठीक हूँ। आपके आशीर्वाद से आर्टिकेरिया नाम के कष्टकारी रोग से मुझे छुटकारा मिला। पूज्य स्वामी जी महाराज को कोटि-कोटि प्रणाम।
-श्रीकांत तापरा, अकोला, महाराष्ट्र
30 साल पुराना अस्थमा अनुलोम-विलोम व श्वासारी गोल्ड से ठीक
स्वामी जी मेरी उम्र 52 वर्ष है। मुझे 30 साल पहले अस्थमा ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। 3 बार अस्थमा के अटैक पड़ चुके हैं। जीवन से पूरी तरह निराश हो चुकी थी। फिर मैंने आपको आस्था चैनल पर देखा और योग की शरण में आ गई। मैं प्रतिदिन 2-3 घण्टे योग करती हूँ। जिसमें अनुलोम विलोम व कपालभाति से मुझे बहुत लाभ मिला है। श्वास रोगों में श्वासारी गोल्ड कैप्सूल से मुझे बहुत लाभ मिला है। मेरा अस्थमा अब पूरी तरह ठीक है। इसके साथ ही मुझे पैरों में दर्द रहता था। डॉक्टरों का कहना था कि जोड़ घिस गए हैं। फिर मैंने पतंजलि के चिकित्सक के परामर्श पर पीड़ानिल गोल्ड लेना शुरू किया जिससे पैरों का दर्द अब पूरी तरह ठीक है। मेरा हिमोग्लोबिन भी 6-7 ग्राम ही रहता था। प्रतिदिन योग-प्राणायाम से मेरा कायाकल्प हो गया तथा अब मेरा हिमोग्लोबिन बिना किसी दवा के 16 ग्राम है। स्वामी जी निराश रोगियों को जीने की नई दिशा दिखाकर आप सही अर्थों में मानवता की सच्ची सेवा कर रहे हैं। आपको कोटि-कोटि वन्दन।
-सम्बल, महेन्द्रगढ़, हरियाणा
पतंजलि वैलनेस में मात्र 3 दिन में 4.5 किलो वजन कम किया
मैं मथुरा, उत्तर प्रदेश से आया हूँ। कुछ समय से मेरा वजन बढ़ता जा रहा था। मैंने वजन कम करने के तरीकों पर पढऩा शुरू किया। जल्दी वजन कम करने के कई आसान तरीके मुझे मिले किन्तु गहन अध्ययन करने पर उनके दुष्प्रभावों का भी पता चला। फिर मैंने प्राकृतिक तरीकों से वजन कम करने का मन बनाया और पतंजलि आ गया। अभी मुझे यहाँ आए मात्र 3 दिन हुए हैं और मेरा लगभग 4.5 किलो वजन कम भी हो गया है। जब मैं यहाँ आया तो मेरा वजन 86.8 किलो था जोकि अब 82.6 किलो रह गया है। यहाँ मैंने योग-प्राणायाम विशेष रूप से कपालभाति का अभ्यास किया। साथ ही कुछ प्राकृतिक चिकित्सा व पंचकर्म से मेरे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल गए। अब मैंने निश्चय किया है कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करूंगा। प्रणाम
-अजय, मथुरा, उत्तर प्रदेश
योगग्राम : +91 89548-90120निरामयम् : +91 74560-04599पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार : +91 89548-90210https://patanjaliwellness.com/index.php |
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