78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ में ध्वजारोहण
On
-
पतंजलि संस्थान शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सांस्कृतिक व वैचारिक आजादी के साथ रोग व नशा, वासनाओं से इस देश को आजाद कराने के लिए संकल्पित : स्वामी रामदेव
-
शहीदों के स्वप्नों को पूरा करने में पतंजलि प्रयासरत : आचार्य बालकृष्ण
देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ व पतंजलि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष परम पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति परम श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी ने ध्वजारोहण कर सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी। ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रगीत वंदे मातरम से सम्पूर्ण वातावरण राष्ट्रप्रेम के रंग में रंगा नजर आया।
पाँच लाख से ज्यादा वीर-वीरांगनाओं व ऋषि-ऋषिकाओं के बलिदान से पाई आजादी
कार्यक्रम में पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि भारत की आजादी के लिए भारत के पाँच लाख से ज्यादा वीर-वीरांगनाओं व ऋषि-ऋषिकाओं के बलिदान से हमने आजादी पाई है। हम उनके प्रति कृतज्ञता का भाव अपने हृदय में रखते हुए उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राजनैतिक आजादी के साथ-साथ इस देश में आर्थिक आजादी के लिए एक बड़ी क्रांति कर रहे हैं और करेंगे। पूरी दुनिया की सम्पत्ति, संसाधनों, वैभव, ऐश्वर्य पर एक प्रतिशत से भी कम लोगों अधिकार है। इन साम्राज्यवादी ताकतों ने अपने क्रूर पाशों में पूरी दुनिया की सम्पत्ति को एक तरह से जकड़ रखा है। हमारा उद्देश्य है कि इस देश को आर्थिक आजादी मिले।
लाखों करोड़ की अर्थव्यवस्था पर मल्टीनेशनल कम्पनियों का आधिपत्य
ईस्ट इण्डिया कम्पनी से लेकर ब्रिटिशर्स ने इस देश से 1 हजार लाख करोड़ की लूट की। अभी भी लाखों करोड़ की अर्थव्यवस्था पर, भारत के शेयर मार्केट से लेकर एफएमसीजी सेक्टर, ऑटो मोबाइल, मोबाइल, एग्रीकल्चर, इण्डस्ट्री में मल्टीनेशनल कम्पनियों का आधिपत्य है। यदि किसी स्वाधीन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था स्वतंत्र नहीं है तो उस देश के यह शर्मनाक है। जिस देश की अर्थव्यवस्था विदेशी हाथों की गुलाम होती है वह देश कभी भी सम्मान, स्वाभिमान और पूर्ण आजादी के साथ जी नहीं सकता। हमने इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर यह संकल्प लिया है कि हम इस देश में आर्थिक आजादी लाएँगे, स्वदेशी के आंदोलन को और मुखर करेंगे।
पढ़े-लिखे बेरोजगार लोग भविष्य में बन सकते हैं सामाजिक विद्रोह का कारण
मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण पढ़े-लिखे बेरोजगार लोगों की फौज तैयार हो रही है जो भविष्य में सामाजिक विद्रोह का कारण बन सकती है। मैकाले की शिक्षा के स्थान पर पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से मैकाले की शिक्षा पद्धति समाप्त कर शिक्षा की आजादी के लिए कार्य करेंगे। शिक्षा संस्कार मूलक हो, रोजगार मूलक हो, उसमें नैतिकता हो, स्वाभिमान हो, सम्मान हो, मानवीयता हो। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिसमें युवा कभी देश के खिलाफ बगावत न कर सकें। जो बगावत हमने बंगलादेश, श्रीलंका, मीडिल ईस्ट, पाकिस्तान अफगानिस्तान आदि में देखी, यह बहुत बड़ा उपद्रव है। हम ऐसी संस्कारमूलक शिक्षा के बीज इस देश में बोएँगे जिससे कि शिक्षा की स्वाधीनता मिलेगी।
चिकित्सा की स्वाधीनता का सपना बाकी
चिकित्सा की स्वाधीनता का तो अभी बहुत बड़ा सपना बाकी है। एलोपैथी की जहरीली दवा खाकर करोड़ों लोगों की मौत हर साल हो रही है। हमने दुनिया का इतिहास पढ़ा है कि ब्रिटिशर्स ने पूरी दुनिया में अपना राजनैतिक साम्राज्य स्थापित करने के लिए 10 करोड़ से ज्यादा लोगों का कत्ल किया। ऐसे ही इस्लाम के नाम पर भी करोड़ों लोगों का कत्ल हुआ। लैनिन, मार्क्स, माओ की क्रांतियों के नाम पर जो कत्ल हुए हैं, विश्व युद्धों तथा अलग-अलग त्रासदियों में करोड़ों लोग मारे गए किन्तु हर साल सिंथेटिक एलोपैथिक दवाएँ खाकर करोड़ों निर्दोष लोग मर रहे हैं। पतंजलि द्वारा पतंजलि वेलनेस, योगग्राम, निरामयम् के माध्यम से चिकित्सा की आजादी का आंदोलन चल रहा है, इसको हम और मुखर करेंगे।
दुराचार, अनाचार, व्यभिचार, गैंग रेप की घटनाओं का मुय कारण योग से विमुखता
पहली राजनैतिक आजादी, दूसरी आर्थिक आजादी, तीसरी शिक्षा, चौथी चिकित्सा की आजादी, पाँचवी सांस्कृतिक व वैचारिक आजादी और रोगों, नशा, वासना से देश को आजादी दिलानी है। सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत बड़ा वैचारिक युद्ध चल रहा है। इससे भारत के बच्चे बर्बाद हो रहे हैं। लोगों के दिलों में वासनाओं की आग भडक़ रही है। आए दिन दुराचार, अनाचार, व्यभिचार, गैंग रेप की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इसका एक बड़ा कारण है कि हम या तो योग विमुख हो गए या कर दिए गए। पूरे देश का सांस्कृतिक वातावरण दूषित हो रहा है। ऋषियों की भूमि पर गैंग रेप जैसी घटनाओं से हृदय कांप उठता है।
5 प्रकार की आजादी का संकल्प
स्वामी जी ने बताया की हमने आजादी के 78वें स्वाधीनता दिवस पर यह संकल्प लिया है कि इस देश में राजनैतिक आजादी के साथ-साथ शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सांस्कृतिक व वैचारिक आजादी के साथ रोग व नशा, वासनाओं से इस देश को आजादी दिलाकर 5 प्रकार की आजादी के अभियान को मुखर रूप से देश में बढ़ाएँगे और भारत को स्वस्थ, समृद्ध और संस्कारवान और परम वैभवशाली बनाने के लिए पतंजलि की ओर से एक बड़ी भूमिका निभाएँगे और पिछले 30-35 वर्षों से हम यह भूमिका निभा भी रहे हैं। हम 50 वर्षों से योग व कर्मयोग के पथ पर चल रहे हैं। अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ कर रहे हैं। शून्य से प्रारंभ हुई यह यात्रा आज यहाँ तक पहुँची है। हमने अपने कर्म को अपना धर्म माना है। अपने कर्म को धर्म मानकर राष्ट्रधर्म के रूप में अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ करते हुए भारत को सशक्त बनाने की आवश्यकता है और यह भूमिका पतंजलि निभा रहा है।
हमने आजादी दया व रहमत से नहीं पाई
भारत की एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता और आजादी की रक्षा के लिए देश ने अपना पुरुषार्थ और पराक्रम किया है, हमने आजादी किसी की दया व रहमत से नहीं पाई, और आजादी की रक्षा करने में भी हम सक्षम हैं।
बांग्लादेश, श्रीलंका, मीडिल ईस्ट, पाकिस्तान व अफगानिस्तान की में वैश्विक ताकतों का षड्यंत्र
जो बांग्लादेश, श्रीलंका, मीडिल ईस्ट में कुछ जगह हुआ, इसमें वैश्विक ताकतें षड्यंत्र करती रही हैं और आगे भी करती रहेंगी। इसका एक ही समाधान है भारत की एकता, अखण्डता और सम्प्रभुता को हम बनाकर रखें, भारत को इतना शक्तिशाली बना दें कि भारत के पड़ोसी देश कोई षड्यंत्र न कर सकें।
अल्पसंख्यक हिन्दुओं, उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों व मंदिरों पर हमले रोके बांग्लादेश सरकार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं, उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तथा मंदिरों पर जो हमले हो रहे हैं, वहाँ की सरकार उन्हें तुरंत रोके अन्यथा भारत राजनैतिक, कूटनीतिक और वैश्विक दृष्टि से इतना सक्षम है कि हमारे निर्दोष हिन्दुओं पर कोई अत्याचार नहीं कर सकता, और यदि यह अत्याचार नहीं रूका तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। वहाँ कि जमाइते इस्लाम जैसी नफरत फैलाने वाली, मजहबी उन्माद में डूबी ताकतें हैं उन्हें सबक लेना चाहिए, नहीं तो उनका भी समूल नाश होगा।
देश में मजहबी उन्माद, जातीय उन्माद, भाषावाद, प्रांतवाद और अलग-अलग प्रकार के वैचारिक उन्माद से देश को बचाने का संकल्प
सडक़ों से लेकर संसद तक जातीय उन्माद, मजहबी उन्माद देश में पैदा करना, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, आदिवासी, वनवासियों को आपस में लड़ाना, अगड़ों-पिछड़ों का विभाजन और ओ.बी.सी., दलित, मुस्लिम में भेद पैदा कर कुछ लोग सत्ता पाने के सपने देख रहे हैं। हमें देश को जातीयों में बंटने नहीं देना है। किसी भी कीमत पर देश में मजहबी उन्माद, जातीय उन्माद, भाषावाद, प्रांतवाद और अलग-अलग प्रकार के वैचारिक उन्माद से देश को बचाना है। इस स्वतंत्रता दिवस पर यह संकल्प लेना ही होगा।
एक के बदले दस सिर काटने का भारत का सामर्थ्य दिखना चाहिए
सरहदों की रक्षा के लिए शहादतों का सिलसिला अभी भी चल रहा है जो किसी भी समर्थ व सक्षम देश के लिए शोभनीय नहीं है। हमें ऐसे प्रयत्न करने पड़ेंगे कि शहादत कम से कम हो और यदि कोई शहादत होती भी है तो एक के बदले दस सिर काटने का भारत का सामर्थ्य दिखना चाहिए।
वीर-शहीदों के सपनों के देश का निर्माण करने में अपनी भूमिका निभाएँ
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण जी ने स्वतंत्रता के पावन दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी। जिस संकल्प के साथ वीरों, शहीदों ने इस देश को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी आहुति देकर हमें इस स्वतंत्र वायुमण्डल में जीने का अधिकार दिया, उनको स्मरण करते हुए, उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने देश के निर्माण के लिए सर्वविद प्रयास करके उन वीर-शहीदों के सपनों के देश का निर्माण करने में अपनी भूमिका निभाएँ। इसी कार्य के लिए पतंजलि योगपीठ अहर्निश संलग्न है। श्रद्धेय स्वामी जी के नेतृत्व में वीर, शहीद, क्रांतिकारियों को न केवल हम स्मरण कर रहे हैं अपितु उन्होंने जो स्वप्न देखा था उसे साकार करने के लिए हम प्रयासरत हैं।
इस अवसर पर संस्थान से सम्बद्ध सभी इकाईयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारी, कर्मयोगी, छात्र-छात्राएँ तथा पतंजलि संन्यासाश्रम के संन्यासी भाई व साध्वी बहनें उपस्थित रहे।
लेखक
Related Posts
Latest News
01 Sep 2024 17:59:05
जीवन का सत्य 1. पराविद्या- मनुष्य जब ईश्वरीय सामथ्र्य अर्थात् प्रकृति या परमेश्वर प्रदत्त शक्तियों का पूरा उपयोग कर लेता...