चिकित्सा जगत में अभिनव क्रांति पतंजलि वैलनेस

चिकित्सा जगत में अभिनव क्रांति पतंजलि वैलनेस

आचार्य बालकृष्ण

    वर्तमान समय में अनुचित खानपान एवं अनियमित दिनचर्या के कारण अनेकानेक असाध्य रोगों से अधिकांश लोग पीड़ित हैं। ऐसे समय में पतंजलि वैलनेस के इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट जैसे योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, फिजियोथैरेपी, रक्तमोक्षण, वातमोक्षण, मेडिकेटेड वाटर, कायरोप्रेक्टिक, रिफ्लेक्सोलॉजी, यज्ञ चिकित्सा जैसी थैरेपीज सात्विक दिनचर्या आयुर्वेदिक औषधि औषधीय आहार से पूरे देश को चिकित्सा के क्षेत्र में एक स्वस्थ विकल्प मिला है, जिसका उपयोग कर आज लाखों लोग स्वस्थ जीवनशैली अपना कर आरोग्य लाभ प्राप्त कर रहें हैं।
एलोपैथी  में रोगों का स्थाई समाधान नहीं
कोई भी चिकित्सा तभी संपूर्ण कही जाती है जब वह स्वस्थ व्यक्ति के उपयोग की भी हो और शारीरिक मानसिक असंतुलन के कारण उत्पन्न विकार को भी जड़ मूल के साथ समाप्त करने की शक्ति रखती हो। चिकित्सा की यह संपूर्णता पतंजलि वैलनेस के इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट में पूर्णत: परिलक्षित होती है।

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एलोपैथी में स्वस्थ व्यक्ति के लिए किसी भी प्रकार से कोई मार्गदर्शन उपलब्ध नहीं है और यही एक सर्वप्रथम कारण है कि एलोपैथी एक संपूर्ण चिकित्सा होकर संकीर्ण चिकित्सा है, जो व्यक्ति को भी संकीर्णता का शिकार बना लेती है।
एलोपैथी में रोगों का स्थाई समाधान नहीं है। दर्द निवारक गोलियों से एवं स्टेरॉइड देकर रोगों को दबा दिया जाता है जो अवसर पाकर पुन: उभर कर जाते हैं। पुन: चिकित्सा के नाम पर कुचक्र फिर जीवन भर चलता रहता है। रोग किन मूल कारणों से शरीर और मन में उभर रहा है, बिना इसकी चिंता किए सीधे उपचार के नाम पर अत्याचार की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिसमें व्यक्ति फंसता ही जाता है, जैसे कि मकड़ी के जाल में कोई कीड़ा।
पतंजलि में रोगों का मैनेजमेंट ही नहीं क्योर भी
एलोपैथी में जहाँ एक ओर केवल मैनेजमेंट के नाम पर पेन किलर, स्टेरॉइड, ऑपरेशन और बायोलॉजिकल उपचार देकर चिकित्सा के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है, वहीं पतंजलि वैलनेस में इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट (योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर, फिजियोथैरेपी रक्तमोक्षण, वात्ममोक्षण, लीच थैरेपी आदि) द्वारा रोगी को निरोगी बनाकर जीवन भर स्वस्थ रहने का मार्गदर्शन मिल रहा है। एलोपैथ में सिम्पटम्स के आधार पर केवल रोग का मैनेजमेंट किया जा रहा है जबकि पतंजलि वैलनेस में इंटिग्रेटेड चिकित्सा पद्धति में बी.पी., शुगर, थायराइड, अस्थमा, हृदय रोग, किडनी रोग, लिवर रोग आदि को कंट्रोल ही नहीं पूरी तरह क्योर किया जाता है।

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जहाँ एक ओर एलोपैथी के साइड इफेक्ट जगजाहिर हैं वहीं पतंजलि वैलनेस के इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट मॉडल के साइड बेनिफट सबके सम्मुख हैं।
आहार ही उपचार है
पतंजलि वैलनेस में रोगी के रोग की स्थिति, अवस्था एवं सामर्थ्य अनुसार सभी इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। इसके साथ ही पतंजलि वैलनेस में रोगानुसार आहार या मेडिकेटिड डाइट एक प्रमुख चिकित्सा प्रणाली के रूप में प्रयुक्त होती है।  हमारे ऋषि मुनियों ने कहा है कि आहार ही औषधि है। इस सिद्धांत को इंटीग्रेट ट्रीटमेंट का प्रमुख आधार स्तंभ बनाते हुए स्वाथ्य साधक को रोगानुसार विभिन्न थेरेपी देते हुए रोग की स्थिति, तीव्रता एवं प्रत्येक के प्रकृति (वात, पित्त एवं कफ) को देखते हुए मेडिकेटेड आहार (मेडिकेटेड पेय , क्वाथ, कल्प आदि) दिया जाता है। थैरेपी, औषधि सेवन के साथ जब रोग एवं प्रकृति अनुसार आहार चिकित्सा जुड़ जाती है तो शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ मिलने लग जाता है। इस प्रकार रोगी को घर जाकर भी खानपान संबंधित पथ्य-अपथ्य का ज्ञान हो जाता है।
आहार चिकित्सा में रोगी को रोगानुसार यथायोग्य औषधीय जल (medicated water) भोजन, काढ़ा फल यथासमय दिए जाते हैं जिससे उन्हें पूर्ण लाभ सम्यक आहार का ज्ञान भी होता है। केवल चिकित्सा, औषधि, योग या आहार से व्यक्ति को अपेक्षित लाभ नहीं मिलता है। पतंजलि वैलनेस की चिकित्सा पद्धति संपूर्णता पर आधारित है जिससे असाध्य रोगियों के कष्ट तो दूर होते ही हैं सामान्य रोगी सामान्य व्यक्ति भी इसके माध्यम से अपने आप को पूर्ण स्वस्थ बनाकर सम्यक आदर्श जीवन शैली को अपना सकता है।
रिसर्च बेस्ड इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट
पतंजलि वैलनेस में रोगी रोगानुसार जब योग से शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक शक्ति एवं संतुलन को प्राप्त करते हुए पंचकर्म, नेचुरोपैथी एवं षट्कर्म की थेरेपी लेता है तो ट्रीटमेंट की प्रभावशीलता कई गुना बढ़ जाती है और समग्र स्वास्थ्य का लाभ मिलता है। यह पतंजलि के गहन अनुसंधान द्वारा प्रामाणित रिसर्च बेस्ड इंटिग्रेटेड ट्रीटमेंट सिस्टम है।
रिसर्च बेस्ड आयुर्वेद की औषधियां
पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधियां पूरी तरह अनुसंधानपरक एवं प्रामाणिक हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमने कोरोनाकाल में देखा। जहाँ एक ओर पूरा मॉडर्न मेडिकल सिस्टम कोरोना संक्रमण के सम्मुख नतमस्तक नजर आया वहाँ पतंजलि के औषधीय अनुसंधान ने मानवता को नया जीवन दिया।
पतंजलि के कुशल वैज्ञानिकों की टीम ने रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, लिवर, हार्ट, किडनी, थायराइड, उदर रोग, कॉलेस्ट्राल से लेकर कैंसर आदि अनेक साध्य-असाध्य रोगों की प्रामाणिक औषधियाँ तैयार की हैं। पतंजलि के कुशल वैद्यों के परामर्श तथा पतंजलि की शोध आधारित गुणवत्तायुक्त औषधियों केसेवन से लाखों-करोड़ों लोग आरोग्यता का वरदान प्राप्त कर रहे हैं।
समग्र चिकित्सा के साथ समग्र जीवन दर्शन
पतंजलि वैलनेस में जो भी स्वास्थ्य साधक अपने साध्य असाध्य रोगों के निदान हेतु आते हैं उन्हें उनके रोग, अवस्था एवं सामर्थ्य के अनुसार इंटीग्रेटेड चिकित्सा प्रदान की जाती है। इसके साथ-साथ ही वे कैसे एक आदर्श दिनचर्या, जीवनचर्या का पालन करके सर्वप्रथम अपने रोगों का निदान पाकर स्वस्थ जीवन प्राप्त कर सकते हैं, इसका भी मार्गदर्शन पतंजलि वैलनेस से स्वास्थ्य साधकों को मिलता है।
कैसे प्रतिदिन नियमित योगाभ्यास एवं विभिन्न प्रकार के शुद्धिकरण की क्रियाएं जैसे- पंचकर्म, षट्कर्म एवं नेचुरोपैथी की निरापद चिकित्सा पद्धतियों को जीवन शैली में सम्मिलित कर निरामय जीवन प्राप्त किया जा सकता है, इसका भी चिकित्सा के साथ-साथ सघन प्रशिक्षण स्वास्थ्य साधकों को मिलता है।
ऋषि मुनियों की प्रज्ञा एवं उनके ज्ञान को पतंजलि ने इंटिग्रेटेड चिकित्सा के रूप में प्रस्तुत किया
चिकित्सा के नाम पर इस कुचक्र के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए परम पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी ने इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट की अवधारणा को केवल यथार्थ पर चरितार्थ किया अपितु रिसर्च  बेस्ड इंटीग्रेटेड ट्रीटमेंट से लाखों रोगियों को संपूर्ण आरोग्य का लाभ देकर उनका जीवन स्वास्थ, संस्कार प्रसन्नता से भर दिया है।
पतंजलि वैलनेस के रूप में शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य पाने की एक सुदृढ़ व्यवस्था स्थापित करके परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने हमारे ऋषि मुनियों की प्रज्ञा एवं उनके ज्ञान को आज के समय में मूर्त रूप देकर जन साधारण को एक अमूल्य उपहार दिया है, जिससे छोटे- बड़े, अमीर-गरीब सभी लोग भेदभाद रहित इस सर्वसुलभ चिकित्सा से लाभान्वित हो रहें हैं।
 

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